अंतरिक्ष की सीमा
संदेश
जाने विस्तार अंतरिक्ष का
करें कल्पना मन से आज
कोटि-कोटि ग्रह हैं अंतरिक्ष में
होता है जीवन उसमें आज
बनी है बाधा दूरी
मिलेंगे एक दिन आपस में आज
आओ करें विकास विज्ञान का
मिटाएं बाधा दूरी को आज
जाने दूसरे ग्रह का साहित्य
व्यवहार में होता है उच्चतम आज
करें जीवन में एक उपकार
दे ज्ञान का जीवन में दान
आपस में मिलकर संगठन बनाएं
दूसरे ग्रह के प्राणी का स्वागत करें
रचनाकार -: विनय कुमार पटेल
Renu
10-May-2023 08:58 PM
Nice
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